Lesson 3 of 18 • 12 upvotes • 13:42mins
इस अध्याय में हम बात करेंगे नसीरूददीन महमूद और बलवन की और चर्चा करेंगें की किस प्रकार बल्वन ने अपना राजत्व का सिद्धांत दिया और अपने शासन को दैवीय स्वरूप प्रदान किया,इसके अतिरिक्त उसका ईरानी प्रथाओं से इतना लगाव क्यों था।
18 lessons • 3h 11m
दिल्ली सल्तनत के संस्थापक: कुतुबुद्दीन ऐबक व इल्तुतमिश
11:09mins
कोर्स की रूपरेखा और कुतुबुद्दीन ऐबक
8:07mins
नसीरुद्दीन महमूद और बलवन
13:42mins
खिलजी वंश और अलाउद्दीन ख़िलजी का राजत्व सिद्धांत
10:39mins
इल्तुतमिश व रजिया सुल्ताना
12:51mins
अलाउद्दीन ख़िलजी का साम्राज्य विस्तार
11:24mins
अलाउद्दीन ख़िलजी के प्रशासनिक व सैन्य सुधार
10:18mins
खिलजी वंश का पतन और तुगलक वंश का उदय
10:33mins
अलाउद्दीन के आर्थिक सुधार भाग १
10:45mins
अलाउद्दीन के आर्थिक सुधार भाग २
10:28mins
फिरोज शाह तुगलक भाग १
9:23mins
मुहम्मद बिन तुगलक भाग १
9:25mins
मुहम्मद बिन तुगलक भाग २
10:08mins
मुहम्मद बिन तुगलक भाग ३
9:59mins
फिरोजशाह तुगलक भाग २
10:42mins
सिकंदर लोदी व इब्राहिम लोदी
11:17mins
सैयद वंश व बहलोल लोदी
9:23mins
दिल्ली सल्तनत का प्रशासन, उत्तराधिकार व राजत्व सिद्धांत
10:57mins